Sant Mavji Nishkalank Sampraday| संत मावजी और निष्कलंक संप्रदाय

Sant Mavji Nishkalank Sampraday संत मावजी राजस्थान के डूंगरपुर जिले के महान संत माने जाते हैं। उन्होंने निष्कलंक संप्रदाय की स्थापना की, जो भक्ति, समानता और सामाजिक सुधार का प्रतीक है। मावजी को विष्णु का कल्कि अवतार माना जाता है। उनका मुख्य धाम वेणेश्वर है, जो माही, सोम और जाखम…

Continue ReadingSant Mavji Nishkalank Sampraday| संत मावजी और निष्कलंक संप्रदाय

NATH SAMPRDAY | नाथ संप्रदाय का इतिहास और विशेषताएं | Nath Sampraday in Rajasthan

NATH SAMPRDAY  नाथ संप्रदाय का इतिहास राजस्थान में शैव व वैष्णव दोनों परंपराओं में विकसित हुआ। मत्स्येन्द्रनाथ और गोरखनाथ इसके प्रमुख प्रवर्तक रहे। जालौर का सिरे मंदिर, जोधपुर का महामंदिर और पुष्कर की राताडूंगा इसकी मुख्य पीठें हैं। यहां नाथ, मसानिया, ओघड़, कालबेलिया और अघोरी जैसी शाखाएं पाई जाती हैं।…

Continue ReadingNATH SAMPRDAY | नाथ संप्रदाय का इतिहास और विशेषताएं | Nath Sampraday in Rajasthan

SAINT DADUDAYAL |DADU PANTH | संत दादूदयाल और दादू पंथ (राजस्थान का कबीर) 

SAINT DADUDAYAL संत दादूदयाल और दादू पंथ राजस्थान में निर्गुण भक्ति आंदोलन के प्रवर्तक रहे। इन्हें "राजस्थान का कबीर" कहा जाता है। जानें दादूजी का जीवन, शिक्षाएँ, 52 शिष्य, 6 शाखाएँ, अलख दरीबा सत्संग और पंथ की विशेषताएँ। 1. परिचय संत दादूदयाल: निर्गुण भक्ति परंपरा के प्रवर्तक "राजस्थान का कबीर"…

Continue ReadingSAINT DADUDAYAL |DADU PANTH | संत दादूदयाल और दादू पंथ (राजस्थान का कबीर) 

CHARANDASI PANTH | SAINT CHARANDAS |चरणदासी पंथ और संत चरणदासजी (डेहरा अलवर, दिल्ली): इतिहास, उपदेश और विशेषताएँ|

CHARANDASI PANTH चरणदासी पंथ और संत चरणदासजी (डेहरा अलवर, दिल्ली) का जीवन परिचय, प्रमुख ग्रंथ, उपदेश, पीठ और राजस्थान–दिल्ली में पंथ का प्रसार जानें। निर्गुण–सगुण भक्ति मिश्रण और श्रीमद्भागवत की परंपरा पर विस्तृत जानकारी। 1. परिचय 18वीं शताब्दी का संत परंपरा निर्गुण–सगुण भक्ति का मिश्रण दिल्ली, अलवर, जयपुर केंद्र 2.…

Continue ReadingCHARANDASI PANTH | SAINT CHARANDAS |चरणदासी पंथ और संत चरणदासजी (डेहरा अलवर, दिल्ली): इतिहास, उपदेश और विशेषताएँ|

Laldasi |लालदासी संप्रदाय और संत लालदासजी | (Alwar): इतिहास, उपदेश और विशेषताएँ

Laldasi लालदासी संप्रदाय और संत लालदासजी (Alwar) का इतिहास, जीवन परिचय, उपदेश, दीक्षा विधि और वर्तमान स्थिति जानें। निर्गुण भक्ति, राम नाम जप और पंथ की विशेषताओं पर संपूर्ण जानकारी। 1. परिचय निर्गुण भक्ति संप्रदाय मेव समाज में प्रचलित अलवर और भरतपुर क्षेत्र केंद्र 2. संत लालदासजी का जन्म और जीवन…

Continue ReadingLaldasi |लालदासी संप्रदाय और संत लालदासजी | (Alwar): इतिहास, उपदेश और विशेषताएँ
Read more about the article पन्ना धाय|PANNA DHAAY |  पन्ना धाय: मेवाड़ की अमर त्यागमूर्ति |Sacrificial Mother of Mewar|
पन्ना धाय|PANNA DHAAY | पन्ना धाय: मेवाड़ की अमर त्यागमूर्ति |Sacrificial Mother of Mewar|

पन्ना धाय|PANNA DHAAY |  पन्ना धाय: मेवाड़ की अमर त्यागमूर्ति |Sacrificial Mother of Mewar|

  • Post author:
  • Post category:Lokdevi

PANNA DHAAY  पन्ना धाय का बलिदान भारतीय इतिहास की सबसे महान त्याग गाथाओं में से एक है। जानिए कैसे एक धाय माँ ने अपने पुत्र की बलि देकर मेवाड़ के उत्तराधिकारी महाराणा उदयसिंह की रक्षा की। परिचय (Introduction) भारतीय इतिहास में कुछ नाम ऐसे हैं जो त्याग, निष्ठा और मातृत्व…

Continue Readingपन्ना धाय|PANNA DHAAY |  पन्ना धाय: मेवाड़ की अमर त्यागमूर्ति |Sacrificial Mother of Mewar|
Read more about the article संत राना बाई |राजस्थान की दूसरी मीरा |SANT RANA BAI |RAJASTHAN KI DOOSRI MEERA
संत राना बाई |राजस्थान की दूसरी मीरा |SANT RANA BAI |RAJASTHAN KI DOOSRI MEERA

संत राना बाई |राजस्थान की दूसरी मीरा |SANT RANA BAI |RAJASTHAN KI DOOSRI MEERA

  • Post author:
  • Post category:Lokdevi

संत राना बाई (Sant Rana Bai) का जीवन, जन्म, भक्ति, चमत्कार और समाधि स्थल। Rajasthan की दूसरी मीरां और महान कृष्ण भक्त महिला संत का इतिहास। परिचय (Introduction) राजस्थान की संत परंपरा में संत राना बाई का नाम श्रद्धा और भक्ति से लिया जाता है। उन्हें "राजस्थान की दूसरी मीरां"…

Continue Readingसंत राना बाई |राजस्थान की दूसरी मीरा |SANT RANA BAI |RAJASTHAN KI DOOSRI MEERA
Read more about the article संत मीरां बाई : Rajasthan ki Sant Mahila, Krishna Bhakt Poet & Singer
संत मीरां बाई : Rajasthan ki Sant Mahila, Krishna Bhakt Poet & Singer

संत मीरां बाई : Rajasthan ki Sant Mahila, Krishna Bhakt Poet & Singer

संत मीरां बाई (Sant Mira Bai) का जीवन, जन्म, विवाह, भक्ति, रचनाएँ और योगदान। Rajasthan की महान Sant Mahila एवं कृष्ण भक्त कवयित्री का इतिहास।  परिचय (Introduction) मीरां बाई : 16वीं सदी की महान संत महिला कृष्ण भक्त कवयित्री एवं गायिका राजस्थान की राधा (Radha of Rajasthan) कहलायीं सरल भक्ति,…

Continue Readingसंत मीरां बाई : Rajasthan ki Sant Mahila, Krishna Bhakt Poet & Singer

सकराय माता मंदिर सीकर : शाकंभरी देवी का इतिहास और महत्व | Sakray Mata Temple Sikar Rajasthan

सकराय माता मंदिर सीकर (राजस्थान) शेखावटी क्षेत्र का प्रमुख शक्तिपीठ है। शाकंभरी माता, खण्डेलवालों की कुल देवी, महिषासुर मर्दिनी स्वरूप और नवरात्रि के मेले के लिए प्रसिद्ध हैं। जानें इतिहास, कथा और महत्व। सकराय माता का परिचय (Introduction of Sakray Mata) नाम: सकराय माता, शाकंभरी माता स्थान: मलयकेतु पर्वत, उदयपुरवाटी…

Continue Readingसकराय माता मंदिर सीकर : शाकंभरी देवी का इतिहास और महत्व | Sakray Mata Temple Sikar Rajasthan

राणी सती मंदिर झुंझुनूं : इतिहास, मेला और महत्व | Rani Sati Temple Jhunjhunu Rajasthan

  • Post author:
  • Post category:Lokdevi

राणी सती मंदिर झुंझुनूं (राजस्थान) का प्रसिद्ध आस्था स्थल है। रानी सती दादीजी की कथा, भाद्रपद अमावस्या का मेला, और इनके परिवार की 13 सतियाँ – पढ़ें पूरा इतिहास और महत्व। रानी सती का परिचय (Introduction of Rani Sati) नाम: नारायणी बाई पति: तिनधन दास परिवार: कुल 13 स्त्रियाँ सती…

Continue Readingराणी सती मंदिर झुंझुनूं : इतिहास, मेला और महत्व | Rani Sati Temple Jhunjhunu Rajasthan

जीण माता मंदिर सीकर : इतिहास, महत्व और मेला | Jeen Mata Temple Sikar Rajasthan

  • Post author:
  • Post category:Lokdevi

जीण माता मंदिर सीकर (राजस्थान) चौहानों की कुलदेवी का मंदिर है। यहाँ अष्टभुजी प्रतिमा, लोकगीत, और चैत्र-आसोज नवमी का मेला विशेष प्रसिद्ध है। पढ़ें पूरा इतिहास, कथा और यात्रा गाइड। जीण माता का परिचय (Introduction of Jeen Mata) पूरा नाम: जयन्तीमाला स्थान: सीकर से 15 किमी दक्षिण, रैवासा गाँव परिवेश:…

Continue Readingजीण माता मंदिर सीकर : इतिहास, महत्व और मेला | Jeen Mata Temple Sikar Rajasthan

नारायणी माता मंदिर अलवर : इतिहास, महत्व और विवाद | Narayani Mata Temple Alwar

  • Post author:
  • Post category:Lokdevi

नारायणी माता मंदिर अलवर, राजस्थान सरिस्का जंगलों के पास स्थित है। यह मंदिर करमेती सती की कथा, आस्था, और नाई-मीणा समुदाय के विवाद के कारण प्रसिद्ध है। पढ़ें पूरा इतिहास, महत्व और FAQs। इतिहास (History of Narayani Mata Temple) स्थान: बरवां डूंगरी, राजगढ़ तहसील, अलवर परिवेश: सरिस्का टाइगर रिज़र्व जंगलों…

Continue Readingनारायणी माता मंदिर अलवर : इतिहास, महत्व और विवाद | Narayani Mata Temple Alwar

ब्राह्मणी माता मंदिर, बारां – दुनिया का अनोखा मंदिर जहाँ होती है पीठ की पूजा

  • Post author:
  • Post category:Lokdevi

ब्राह्मणी माता मंदिर बारां  (सोरसन ) – अनोखा प्राचीन मंदिर जहाँ देवी की पीठ की पूजा होती है। इतिहास, महत्व, गधों का मेला और FAQs। परिचय / Introduction स्थान: सोरसन ग्राम, बारां जिला, राजस्थान विश्व का अनोखा मंदिर देवी के अग्रभाग की नहीं, केवल पीठ की पूजा धार्मिक + सांस्कृतिक…

Continue Readingब्राह्मणी माता मंदिर, बारां – दुनिया का अनोखा मंदिर जहाँ होती है पीठ की पूजा

जिलाणी माता | Jilani Mata | अलवर की वीरांगना लोकदेवी का इतिहास व मंदिर

  • Post author:
  • Post category:Lokdevi

जिलाणी माता अलवर – यादवों की रक्षक वीरांगना गूर्जरी ‘जिलाणी’ की कहानी। बहरोड़ मंदिर, मेला, इतिहास, महत्व व FAQs। जानें जिलाणी माता मंदिर का पूरा विवरण। परिचय / Introduction अलवर (Rajasthan) की लोकदेवी वीरांगना गूर्जरी जिलाणी (Jilani Mata / Lokdevi Jilani) मुस्लिम आक्रमण काल की कथा बहरोड़ मंदिर व लोक…

Continue Readingजिलाणी माता | Jilani Mata | अलवर की वीरांगना लोकदेवी का इतिहास व मंदिर
Read more about the article आई माता बिलाड़ा| सीरवी समाज की कुलदेवी, इतिहास, मंदिर और धार्मिक महत्व
आई माता बिलाड़ा| सीरवी समाज की कुलदेवी, इतिहास, मंदिर और धार्मिक महत्व

आई माता बिलाड़ा| सीरवी समाज की कुलदेवी, इतिहास, मंदिर और धार्मिक महत्व

  • Post author:
  • Post category:Lokdevi

आई माता बिलाड़ा , जिन्हें सीरवी समाज की कुलदेवी माना जाता है, जोधपुर जिले के बिलाड़ा कस्बे में पूजित हैं। बीका डाभी की पुत्री आई, भक्त रैदास और बाबा रामदेव की शिष्या रही। कहा जाता है कि मांडू का बादशाह इन्हें अपनी बेगम बनाना चाहता था, लेकिन उन्होंने तपस्या के…

Continue Readingआई माता बिलाड़ा| सीरवी समाज की कुलदेवी, इतिहास, मंदिर और धार्मिक महत्व
Read more about the article आवड़ माता जैसलमेर हिंगलाज देवी का अवतार, इतिहास, कुलदेवी महत्व और चरजा परंपरा
आवड़ माता जैसलमेर हिंगलाज देवी का अवतार, इतिहास, कुलदेवी महत्व और चरजा परंपरा

आवड़ माता जैसलमेर हिंगलाज देवी का अवतार, इतिहास, कुलदेवी महत्व और चरजा परंपरा

  • Post author:
  • Post category:Lokdevi

आवड़ माता जैसलमेर  जिन्हें हिंगलाज माता का अवतार माना जाता है, जैसलमेर जिले की प्रसिद्ध देवी हैं। चारण समाज द्वारा पूजित यह देवी भाटी राजवंश की कुलदेवी भी हैं। तेमड़ा भाखर पर स्थित स्थान के कारण इन्हें ‘तेमड़ाताई’ कहा जाता है। आवड़ माता को राक्षसों का संहार करने, अथाह जल…

Continue Readingआवड़ माता जैसलमेर हिंगलाज देवी का अवतार, इतिहास, कुलदेवी महत्व और चरजा परंपरा

मोदरां माता जालौर | Modran Mata |आशापुरी देवी का इतिहास, कुलदेवी परंपरा और मंदिर महत्व

  • Post author:
  • Post category:Lokdevi

मोदरां माता जालौर, जिन्हें आशापुरी देवी कहा जाता है, जालौर जिले की प्रसिद्ध कुलदेवी हैं। 1143 ई. में कच्छ भुज से पोकरण आई आशापुरी माता का मंदिर ‘महोदरी’ या बड़े उदर वाली माता के नाम से विख्यात है। सोनगरा चौहान शासकों की कुलदेवी होने के साथ-साथ बिस्सा जाति और अन्य…

Continue Readingमोदरां माता जालौर | Modran Mata |आशापुरी देवी का इतिहास, कुलदेवी परंपरा और मंदिर महत्व

कैला देवी करौली |kaila devi | इतिहास, लक्खी मेला, लांगुरिया गीत और पौराणिक मान्यताएं Important Facts | Exclusive Faq

कैला देवी करौली राजस्थान की यदुवंशीय कुलदेवी मानी जाती हैं। त्रिकूट पर्वत पर स्थित यह शक्तिपीठ चैत्र शुक्ल अष्टमी को लगने वाले लक्खी मेले और भक्तों द्वारा गाए जाने वाले लांगुरिया गीतों के लिए प्रसिद्ध है। जानें कैला देवी का इतिहास, पौराणिक कथा और धार्मिक महत्व। मुख्य बिंदु (Notes Form)…

Continue Readingकैला देवी करौली |kaila devi | इतिहास, लक्खी मेला, लांगुरिया गीत और पौराणिक मान्यताएं Important Facts | Exclusive Faq
Read more about the article शीतला माता मंदिर | Shitala Mata | जोधपुर एवं जयपुर – इतिहास, कथा, महत्व और शीतलाष्टमी व्रत Smart Notes |Essential Gk
Shitala mata/ Shitala Ashtami/ rajasthan ki lokdevi/ शीतला माता/ चाकसू जयपुर/ राजस्थान की लोक देवी

शीतला माता मंदिर | Shitala Mata | जोधपुर एवं जयपुर – इतिहास, कथा, महत्व और शीतलाष्टमी व्रत Smart Notes |Essential Gk

  • Post author:
  • Post category:Lokdevi

शीतला माता मंदिर, जोधपुर व जयपुर का इतिहास, कथा, धार्मिक महत्व, शीतलाष्टमी, बास्योड़ा परंपरा और देवी की विशेष मान्यताओं की पूरी जानकारी। परिचय  देवी: शीतला माता (शीतलता प्रदान करने वाली) अन्य नाम: मातामाई, महामाई, माई अनामा, सैढ़ल माता प्रमुख मंदिर: जोधपुर (कागा क्षेत्र), जयपुर (चाकसू शील डूंगरी) महत्व: चेचक निरोधक…

Continue Readingशीतला माता मंदिर | Shitala Mata | जोधपुर एवं जयपुर – इतिहास, कथा, महत्व और शीतलाष्टमी व्रत Smart Notes |Essential Gk

जमवाय माता | Jamvay mata | – इतिहास, पौराणिक कथा, कुलदेवी और यात्रा मार्गदर्शिका Quick Recall | Boost learning

  • Post author:
  • Post category:Lokdevi

जमवाय माता मंदिर, जयपुर से 33 किमी दूर अरावली पर्वतमाला में स्थित शक्तिपीठ। जानें इसका इतिहास, पौराणिक कथा, कछवाहा वंश की कुलदेवी, परिक्रमा का महत्व और यात्रा मार्ग।   परिचय  मंदिर: जमवाय माता शक्तिपीठ स्थान: जयपुर से ~33 किलोमीटर पूर्व, जमवा रामगढ़ बांध के निकट परिवेश: अरावली पर्वतमाला, सुरम्य पहाड़ी…

Continue Readingजमवाय माता | Jamvay mata | – इतिहास, पौराणिक कथा, कुलदेवी और यात्रा मार्गदर्शिका Quick Recall | Boost learning

कैवाय माता मंदिर|kevay Mata | किणसरिया (नागौर) – इतिहास, शिलालेख, महत्व और दर्शन मार्गदर्शिका

  • Post author:
  • Post category:Lokdevi

नागौर जिले के किणसरिया गाँव स्थित कैवाय माता मंदिर का इतिहास, शिलालेख, स्थापत्य, धार्मिक महत्व और दर्शन मार्गदर्शिका। जानिए प्राचीन मंदिर की  परिचय स्थान: किणसरिया गाँव, नागौर पर्वतमाला: अरावली से परिवेष्टित ऊँचाई: लगभग 1000 फीट प्रसिद्धि: कैवाय माता का प्राचीन मंदिर धार्मिक महत्त्व: नवरात्र, विवाह, मनोतियाँ किणसरिया गाँव का परिचय…

Continue Readingकैवाय माता मंदिर|kevay Mata | किणसरिया (नागौर) – इतिहास, शिलालेख, महत्व और दर्शन मार्गदर्शिका
Read more about the article जसनाथी सम्प्रदाय | Jasnathi Sampraday | बीकानेर कतरियासर, अग्नि नृत्य famous fire dance
जसनाथी सम्प्रदाय | Jasnathi Sampraday | बीकानेर कतरियासर, अग्नि नृत्य famous fire dance

जसनाथी सम्प्रदाय | Jasnathi Sampraday | बीकानेर कतरियासर, अग्नि नृत्य famous fire dance

जसनाथी सम्प्रदाय संत जसनाथजी द्वारा स्थापित लोकधर्म है, जो 36 नियमों, मोरपंख की पवित्रता और अग्नि नृत्य जैसी अनूठी परंपराओं से जुड़ा है। मुख्य केन्द्र बीकानेर का कतरियासर है। जसनाथजी का जीवन परिचय जन्म : 1482 ई., कार्तिक शुक्ला एकादशी, शनिवार जन्मस्थान : कतरियासर, बीकानेर पिता : हम्मीरजी जाट माता…

Continue Readingजसनाथी सम्प्रदाय | Jasnathi Sampraday | बीकानेर कतरियासर, अग्नि नृत्य famous fire dance

हड़बूजी|Hadbuji|राजस्थान के लोकदेवता

  • Post author:
  • Post category:Lokdevta

राजस्थान की लोकसंस्कृति में अनेक संत और लोकदेवता हुए, जिन्होंने अपने आचरण, भक्ति और लोककल्याण से समाज को प्रेरित किया। इन्हीं महान संतों में से एक हैं हड़बूजी, जो पाँच पीरों में गिने जाते हैं। उनकी गाथाएँ आज भी गाँव-गाँव में श्रद्धा और भक्ति के साथ सुनाई जाती हैं।  राजस्थान…

Continue Readingहड़बूजी|Hadbuji|राजस्थान के लोकदेवता
Read more about the article मेहाजी मांगलिया | Mehaji Mangaliya | राजस्थान के लोकदेवता
मेहाजी मांगलिया | Mehaji Mangaliya | राजस्थान के लोकदेवता

मेहाजी मांगलिया | Mehaji Mangaliya | राजस्थान के लोकदेवता

  • Post author:
  • Post category:Lokdevta

राजस्थान की वीर भूमि में अनेक लोकदेवता हुए, जिन्होंने अपने त्याग, धर्म और न्यायप्रियता से समाज को मार्गदर्शन दिया। उन्हीं महान लोकदेवताओं में से एक हैं मेहाजी मांगलिया, जो पाँच पीरों में शामिल माने जाते हैं। उनकी लोकगाथाएँ, लोककथाएँ और मेले आज भी समाज को धर्म और करुणा की राह…

Continue Readingमेहाजी मांगलिया | Mehaji Mangaliya | राजस्थान के लोकदेवता
Read more about the article मल्लीनाथ जी | Mallinath Ji |राजस्थान के लोकदेवता
Mallinath Ji/ Rajasthan Ke Lok Devta/ मल्लीनाथ जी/ राजस्थान के लोक देवता

मल्लीनाथ जी | Mallinath Ji |राजस्थान के लोकदेवता

  • Post author:
  • Post category:Lokdevta

"श्री मल्लीनाथ जी राजस्थान के पूजनीय लोकदेवता और वीर योद्धा थे। 1358 ई. में जन्मे मल्लीनाथ जी ने धर्म, न्याय और प्रजा कल्याण के लिए जीवन समर्पित किया। बाड़मेर तिलवाड़ा मंदिर और चैत्र मेला आज भी उनकी आस्था का केंद्र हैं।" परिचय राजस्थान के पूजनीय लोकदेवता पराक्रमी योद्धा और न्यायप्रिय…

Continue Readingमल्लीनाथ जी | Mallinath Ji |राजस्थान के लोकदेवता