कैवाय माता मंदिर|kevay Mata | किणसरिया (नागौर) – इतिहास, शिलालेख, महत्व और दर्शन मार्गदर्शिका

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नागौर जिले के किणसरिया गाँव स्थित कैवाय माता मंदिर का इतिहास, शिलालेख, स्थापत्य, धार्मिक महत्व और दर्शन मार्गदर्शिका। जानिए प्राचीन मंदिर की 

परिचय

स्थान: किणसरिया गाँव, नागौर

पर्वतमाला: अरावली से परिवेष्टित

ऊँचाई: लगभग 1000 फीट

प्रसिद्धि: कैवाय माता का प्राचीन मंदिर

धार्मिक महत्त्व: नवरात्र, विवाह, मनोतियाँ

किणसरिया गाँव का परिचय

पुराना नाम: सिणहादिया (नैणसी अनुसार)

स्थिति: मकराना और परबतसर के बीच

दूरी: परबतसर से 6-7 कि.मी. उत्तर-पश्चिम

कैवाय माता मंदिर का इतिहास 

प्राचीन शिलालेख 

सभामंडप बाहरी दीवार शिलालेख

विक्रम संवत 1056 (999 ई.)

निर्माता: चच्चदेव (दधीचिक वंश)

शासक संबंध: चौहान राजा दुर्लभराज का सामंत

शिलालेख की जानकारी

तारीख: 21 अप्रैल, 999 ई., अक्षय तृतीया

देवी: भवानी (अम्बिका) मंदिर निर्माण

चौहान शासक: वाकपतिराज, सिंहराज, दुर्लभराज

दधीचिक वंश की उत्पत्ति: ऋषि दधीचि की हड्डियों से

दधीचिक (दहिया) वंश का वर्णन

मेघनाथ: पराक्रमी योद्धा

मासटा: दानी पत्नी, पुत्र वैरिसिंह

दुन्दा: धर्मपरायणा, पुत्र चच्चदेव

चच्चदेव: मंदिर निर्माता

धार्मिक मान्यता और आस्था 

देवी भवानी की आराधना

भैरव मूर्तियाँ (काला-गोरा)

माताजी का ओरण (जंगल क्षेत्र)

नवरात्र, विवाह, शुभ अवसरों पर दर्शन

अन्य शिलालेख और स्मारक 

प्रमुख तिथियाँ 

विक्रम संवत 1300 (1243 ई.)

राणा कीर्तसी का पुत्र राणा विक्रम

पत्नी नाइलदेवी सहित स्वर्गवास

पुत्र जगधर द्वारा स्मारक निर्माण

अन्य शिलालेख

संवत 1350, 1354, 1710

ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व

यात्रा मार्गदर्शिका 

निकटतम शहर: परबतसर, मकराना

पहुँच: सड़क मार्ग

पर्वतारोहण: ऊँचाई 1000 फीट

पर्यावरण: जंगल, धार्मिक ओरण

सारांश

प्राचीन मंदिर

999 ई. शिलालेख

चौहान साम्राज्य संबंध

दधीचिक वंश योगदान

नवरात्र में विशेष आस्था

सांस्कृतिक धरोहर

Table  – Quick Facts

स्थान किणसरिया, नागौर
ऊँचाई ~1000 फीट
पुराना नाम सिणहादिया
मुख्य देवी कैवाय माता (अम्बिका)
निर्माण  वर्ष 999 ई. (विक्रम संवत 1056)
निर्माता  चच्चदेव (दधीचिक वंश)
शिलालेख 999 ई., 1243 ई., 1350, 1354, 1710
विशेष अवसर  नवरात्र, विवाह, जात-जडुला, मनोतियाँ
प्रमुख मूर्तियाँ  भैरव (काला-गोरा)
परिवेश   अरावली पर्वतमाला, माताजी का ओरण