जमवाय माता | Jamvay mata | – इतिहास, पौराणिक कथा, कुलदेवी और यात्रा मार्गदर्शिका Quick Recall | Boost learning

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जमवाय माता मंदिर, जयपुर से 33 किमी दूर अरावली पर्वतमाला में स्थित शक्तिपीठ। जानें इसका इतिहास, पौराणिक कथा, कछवाहा वंश की कुलदेवी, परिक्रमा का महत्व और यात्रा मार्ग।

 

परिचय 

मंदिर: जमवाय माता शक्तिपीठ

स्थान: जयपुर से ~33 किलोमीटर पूर्व, जमवा रामगढ़ बांध के निकट

परिवेश: अरावली पर्वतमाला, सुरम्य पहाड़ी नाका

देवी का पौराणिक नाम: जामवंती

मान्यता: परिक्रमा = पुण्य फलदायक

पौराणिक महत्व 

पर्वत: जम्बू शैल या जम्बूगिरी

देवी: जामवंती स्वरूप, शक्ति की अधिष्ठात्री

परिक्रमा: पुण्य फल, आशीर्वाद

आस्था: भक्तों की मनोकामना पूर्ण

 

कछवाहा वंश और जमवाय माता 

दूलहराय की कथा 

स्थिति: शत्रुओं से पराजित

आराधना: देवी जमवाय माता की तपस्या

दर्शन: देवी माँ का आशीर्वाद

परिणाम: शत्रु पर विजय

निर्माण: विजय पश्चात कुलदेवी का मंदिर

कुलदेवी रूप में महत्व 

कछवाहा शासकों की कुलदेवी

युद्ध विजय का प्रतीक

मंदिर: ऐतिहासिक और जीवंत धरोहर

 

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

शक्तिपीठ: राजस्थान का प्रमुख स्थल

त्योहार: नवरात्र में विशेष भीड़

यात्रा: परिक्रमा व दर्शन अति पुण्यकारी

आस्था: राजस्थान व बाहरी राज्यों से भक्त आगमन

 

यात्रा मार्गदर्शिका

स्थान: जमवा रामगढ़ बांध के पास

दूरी: जयपुर से लगभग 33 किमी

मार्ग: सड़क मार्ग से आसानी से पहुँच

परिवेश: प्राकृतिक अरावली पर्वतमाला

सारांश 

जमवाय माता: जामवंती स्वरूप

स्थान: जयपुर, अरावली पर्वतमाला

पौराणिक पर्वत: जम्बू शैल / जम्बूगिरी

दूलहराय कथा: आराधना → दर्शन → विजय

मंदिर: कछवाहा वंश की कुलदेवी

यात्रा: परिक्रमा व दर्शन पुण्यकारी

Quick Facts (Table) 

विषय जानकारी
देवी का नाम जमवाय माता (जामवंती)
स्थान जमवा रामगढ़, जयपुर से 33 किमी
परिवेश अरावली पर्वतमाला
पर्वत जम्बू शैल / जम्बूगिरी
कुलदेवी कछवाहा वंश
ऐतिहासिक कथा दूलहराय की विजय
महत्व परिक्रमा, नवरात्र पर्व, मनोकामना पूर्ति

 

FAQ

Q1. जमवाय माता मंदिर कहाँ स्थित है?

👉 जयपुर से लगभग 33 किमी पूर्व, जमवा रामगढ़ बांध के पास अरावली पर्वतमाला में।
 
Q2. जमवाय माता का पौराणिक नाम क्या है?
 
👉 जामवंती।
 
Q3. कछवाहा वंश की कुलदेवी कौन मानी जाती हैं?
 
👉 जमवाय माता।
 
Q4. जमवाय माता मंदिर से जुड़ी मुख्य कथा क्या है?
 
👉 कछवाहा शासक दूलहराय ने पराजय के बाद माता की आराधना की, माता के आशीर्वाद से विजय प्राप्त की और मंदिर का निर्माण करवाया।
 
Q5. जमवाय माता की परिक्रमा का क्या महत्व है?
 
👉 जम्बू शैल पर्वत की परिक्रमा करने से पुण्यफल व मनोकामना सिद्धि प्राप्त होती है।