नारायणी माता मंदिर अलवर, राजस्थान सरिस्का जंगलों के पास स्थित है। यह मंदिर करमेती सती की कथा, आस्था, और नाई-मीणा समुदाय के विवाद के कारण प्रसिद्ध है। पढ़ें पूरा इतिहास, महत्व और FAQs।
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Toggleइतिहास (History of Narayani Mata Temple)
स्थान: बरवां डूंगरी, राजगढ़ तहसील, अलवर
परिवेश: सरिस्का टाइगर रिज़र्व जंगलों से घिरा
कथा:
करमेती (लाई जाति) का विवाह नाई करमसी से हुआ
ससुराल जाते समय डूंगरी तलहटी में विश्राम
करमेती ने मीणा चरवाहे की मदद से लकड़ियाँ इकट्ठी की
पति संग सती हुई
श्रद्धा स्थल: करमेती का बलिदान → धाम प्रसिद्ध
पुजारी परंपरा: सीण (समुदाय)
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विवाद और न्यायालय मामला (Dispute & Court Case)
समस्या: मंदिर की पूजा-अधिकारिता
समुदाय: नाई vs मीणा
स्थिति: मामला न्यायालय तक पहुँचा
महत्व: राजस्थान में जातीय-सामाजिक परंपराओं की झलक
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धार्मिक महत्व (Religious Significance)
सती स्थल – करमेती बलिदान
लोक आस्था – विवाह, परिवार, सुरक्षा से जुड़ी मान्यता
मेला व पर्व – श्रद्धालु बड़ी संख्या में आते हैं
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मंदिर यात्रा गाइड (Temple Travel Guide)
कैसे पहुँचे:
टहला मार्ग → बरवां डूंगरी तलहटी
नजदीकी शहर – अलवर
बेहतर समय: सर्दियों में यात्रा
पर्यटन: सरिस्का नेशनल पार्क + राजगढ़ किला
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FAQs – Narayani Mata Temple
Q1. नारायणी माता मंदिर कहाँ है?
अलवर जिले के राजगढ़ तहसील, बरवां डूंगरी की तलहटी में।
Q2. यह मंदिर क्यों प्रसिद्ध है?
करमेती सती की कथा और नाई-मीणा विवाद के कारण।
Q3. यहाँ कौन पुजारी होते हैं?
सीण समुदाय।
Q4. यहाँ यात्रा करने का सही समय?
अक्टूबर से मार्च।
Q5. यह मंदिर किन दर्शनीय स्थलों के पास है?
सरिस्का टाइगर रिज़र्व, राजगढ़ किला।
Table: Quick Facts – Narayani Mata Temple
स्थान (Location) | बरवां डूंगरी, राजगढ़, अलवर (Rajasthan) |
प्रमुख कथा (Story) | करमेती का सती होना |
समुदाय (Community) | नाई, मीणा, सीण |
विवाद (Dispute) | पूजा अधिकारिता – कोर्ट केस |
नजदीकी स्थल (Nearby) | सरिस्का टाइगर रिज़र्व, राजगढ़ किला |
धार्मिक महत्व (Religious) | विवाह, परिवार, सुरक्षा की आस्था |