ब्राह्मणी माता मंदिर बारां (सोरसन ) – अनोखा प्राचीन मंदिर जहाँ देवी की पीठ की पूजा होती है। इतिहास, महत्व, गधों का मेला और FAQs।
Page Contents
Toggleपरिचय / Introduction
स्थान: सोरसन ग्राम, बारां जिला, राजस्थान
विश्व का अनोखा मंदिर
देवी के अग्रभाग की नहीं, केवल पीठ की पूजा
धार्मिक + सांस्कृतिक महत्व
गधों का मेला (Donkey Fair) – विशेष आकर्षण
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इतिहास / History of Brahmani Mata Temple
प्राचीन मंदिर, लोक आस्था का केंद्र
देवी ब्राह्मणी माता (Brahmani Mata) की पूजा
मान्यता – केवल पीठ की पूजा से सिद्धि प्राप्त
मंदिर का स्थापत्य – विशाल व अद्वितीय
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मंदिर की विशेषता / Unique Feature
सामान्यतः देवी के मुख की पूजा होती है
यहाँ केवल पीठ (Back side) की पूजा परंपरा
धार्मिक रूप से शक्ति, सहनशीलता, धैर्य का प्रतीक
Rare temple worldwide (unique across the globe)
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ब्राह्मणी माता का मेला / Brahmani Mata Fair
आयोजन – माघ शुक्ला सप्तमी
स्थान – सोरसन, बारां
प्रसिद्ध गधों का मेला (Donkey Fair)
व्यापार, सांस्कृतिक गतिविधियाँ, श्रद्धालुओं का जमावड़ा
धार्मिक अनुष्ठान व भजन-कीर्तन
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लोक आस्था व महत्व / Significance
ग्रामीण और स्थानीय समाज में गहरी आस्था
विशेषकर किसान व व्यापारी वर्ग की श्रद्धा
मंदिर – सामूहिक एकता व परंपरा का प्रतीक
धार्मिक पर्यटन (Religious Tourism) के लिए आकर्षण
Saransh (Summary)
ब्राह्मणी माता मंदिर, बारां जिले का अनोखा मंदिर है जहाँ देवी की पीठ की पूजा की जाती है। यह विशेषता इसे विश्वभर में अद्वितीय बनाती है। हर साल माघ शुक्ला सप्तमी को यहाँ गधों का मेला आयोजित होता है, जिसमें श्रद्धालु व व्यापारी बड़ी संख्या में भाग लेते हैं। यह मंदिर धार्मिक आस्था, संस्कृति और सामाजिक मेलजोल का प्रमुख केंद्र है।
FAQs – ब्राह्मणी माता मंदिर
Q1. ब्राह्मणी माता मंदिर कहाँ स्थित है?
Ans: सोरसन ग्राम, बारां जिला, राजस्थान।
Q2. इस मंदिर की विशेषता क्या है?
Ans: यहाँ देवी की पीठ की पूजा होती है, अग्रभाग की नहीं।
Q3. ब्राह्मणी माता का मेला कब लगता है?
Ans: माघ शुक्ला सप्तमी को, इसे गधों का मेला भी कहा जाता है।
Q4. गधों के मेले का महत्व क्या है?
Ans: यह धार्मिक और व्यापारिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बड़ी संख्या में व्यापारी व श्रद्धालु आते हैं।
Table – Important Facts about Brahmani Mata Temple
नाम (Name) | ब्राह्मणी माता मंदिर (Brahmani Mata Temple) |
स्थान (Location) | सोरसन ग्राम, बारां जिला, राजस्थान |
विशेषता (Uniqueness) | देवी की पीठ की पूजा, अग्रभाग की नहीं |
प्रसिद्ध आयोजन | माघ शुक्ला सप्तमी को गधों का मेला |
महत्व | धार्मिक आस्था, सांस्कृतिक परंपरा, व्यापारिक केंद्र |
वैश्विक पहचान | Rare temple worldwide |