जिलाणी माता | Jilani Mata | अलवर की वीरांगना लोकदेवी का इतिहास व मंदिर

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जिलाणी माता अलवर – यादवों की रक्षक वीरांगना गूर्जरी ‘जिलाणी’ की कहानी। बहरोड़ मंदिर, मेला, इतिहास, महत्व व FAQs। जानें जिलाणी माता मंदिर का पूरा विवरण।

परिचय / Introduction

अलवर (Rajasthan) की लोकदेवी

वीरांगना गूर्जरी जिलाणी (Jilani Mata / Lokdevi Jilani)

मुस्लिम आक्रमण काल की कथा

बहरोड़ मंदिर व लोक आस्था का केंद्र

इतिहास / History of Jilani Mata

यादव जाति के हिंदू जबरन मुसलमान बनाए जा रहे

स्थान – डुमोली गाँव, अलवर

जिलाणी गूर्जरी ने बचाए बंदी

खंडहरों में छुपाया

शत्रुओं से बहादुरी से सामना

धर्म रक्षा का प्रतीक

जिलाणी माता का मंदिर / Jilani Mata Temple

स्थान – बहरोड़ कस्बा, प्राचीन बावड़ी के पास

प्राचीन व प्रसिद्ध मंदि

दो बार प्रतिवर्ष मेला आयोजित

गूर्जर समाज व स्थानीय लोगों की गहरी आस्था

मंदिर का धार्मिक + सांस्कृतिक महत्व

लोक आस्था व महत्व / Significance

हिंदू धर्म रक्षक देवी

गूर्जर समाज की कुलदेवी समान

महिला शौर्य व साहस का प्रतीक

Rajasthan folk culture में महत्वपूर्ण स्थान

मेला / Jilani Mata Fair

साल में 2 बार मेला

धार्मिक अनुष्ठान, भजन, कीर्तन

भक्तों का विशाल जमावड़ा

सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का प्रतीक

📊

 Table – Important Facts about Jilani Mata

Point  Details
नाम (Name) जिलाणी माता (Lokdevi Jilani Mata)
क्षेत्र (Region) अलवर, राजस्थान
समाज (Community गूर्जर समाज
मुख्य स्थल बहरोड़ कस्बा, प्राचीन बावड़ी
महत्व  धर्म रक्षा, महिला शौर्य
मेला  साल में 2 बार

Saransh (Summary)

जिलाणी माता अलवर की वीरांगना गूर्जरी थीं, जिन्होंने यादव हिंदुओं को जबरन धर्मांतरण से बचाया। बहरोड़ स्थित उनका मंदिर आज भी आस्था का प्रमुख केंद्र है। यहाँ दो बार मेले का आयोजन होता है, जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं। जिलाणी माता साहस, धर्म रक्षा और लोक आस्था का अद्वितीय प्रतीक हैं।

FAQs – जिलाणी माता अलवर

Q1. जिलाणी माता कौन थीं?

Ans: अलवर की गूर्जर महिला वीरांगना, जिन्होंने यादव हिंदुओं को धर्म परिवर्तन से बचाया।

Q2. जिलाणी माता का मंदिर कहाँ स्थित है?

Ans: बहरोड़ कस्बे की प्राचीन बावड़ी के पास, अलवर (राजस्थान)।

Q3. जिलाणी माता का मेला कब लगता है?

Ans: वर्ष में दो बार, बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं।

Q4. जिलाणी माता को लोकदेवी क्यों कहा जाता है?

Ans: क्योंकि उन्होंने समाज की रक्षा की और धर्म बचाया।