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हड़बूजी|Hadbuji|राजस्थान के लोकदेवता

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राजस्थान की लोकसंस्कृति में अनेक संत और लोकदेवता हुए, जिन्होंने अपने आचरण, भक्ति और लोककल्याण से समाज को प्रेरित किया। इन्हीं महान संतों में से एक हैं हड़बूजी, जो पाँच पीरों में गिने जाते हैं। उनकी गाथाएँ आज भी गाँव-गाँव में श्रद्धा और भक्ति के साथ सुनाई जाती हैं।

 राजस्थान की लोकसंस्कृति में अनेक संत और लोकदेवता हुए, जिन्होंने अपने आचरण, भक्ति और लोककल्याण से समाज को प्रेरित किया। इन्हीं महान संतों में से एक हैं हड़बूजी, जो पाँच पीरों में गिने जाते हैं। उनकी गाथाएँ आज भी गाँव-गाँव में श्रद्धा और भक्ति के साथ सुनाई जाती हैं।

परिचय

 

नाम – हड़बूजी

जन्मस्थान – भूडेल, नागौर

पिता – मेहाजी साखेला

गुरु – बालीनाथ जी

समकालीन – मारवाड़ राव जोधा

संबंध – बाबा रामदेव जी के मौसेरे भाई

उपनाम – शकुन शास्त्र के ज्ञाता

वाहन – सिया (बैलगाड़ी)

विशेष योगदान

हड़बूजी के आशीर्वाद से राव जोधा ने पुनः मंडोर पर अधिकार पाया

राव जोधा को कटार भेंट की

धर्म, भक्ति और न्यायप्रियता के प्रतीक

अपंग गायों के लिए चारा लाना (चार भरकर)

लोकआस्था में रक्षक और संकटमोचक देवता

आराध्य स्थल और पूजा

प्रमुख स्थल – बैंगठी गाँव

पूजा – हड़बूजी की गाड़ी की पूजा

पुजारी – साँखला राजपूत वंश

ग्रामीण समाज – संकट में हड़बूजी का स्मरण

लोकमान्यता

पाँच पीरों में गिने जाते हैं

शकुन शास्त्र के ज्ञाता

लोककल्याण और धर्म रक्षा हेतु प्रसिद्ध

गाथाएँ – लोककथाओं और भजनों में अमर

आस्था और भक्ति

गाँव-गाँव में मेलों और भजनों में स्मरण

भक्तजन – रक्षक और प्रेरणास्रोत मानते हैं

आस्था – सच्चाई, धर्म और सेवा का संदेश

ग्रामीण संस्कृति में संरक्षक देवता

नाम हड़बूजी
जन्मस्थान भूडेल, नागौर
पिता  मेहाजी साखेला
गुरु बालीनाथ जी
समकालीन राव जोधा (मारवाड़)
संबंध   बाबा रामदेव के मौसेरे भाई
उपनाम  शकुन शास्त्र के ज्ञाता
वाहन  सिया (बैलगाड़ी)
आराध्य स्थल बैंगठी गाँव
मंदिर पूजा हड़बूजी की गाड़ी की पूजा
पुजारी साँखला राजपूत
विशेष कार्य राव जोधा को मंडोर पर अधिकार दिलाया, कटार भेंट की
समाज सेवा अपंग गायों के लिए चारा लाना
लोकमान्यता  पाँच पीरों में शामिल

सारांश

हड़बूजी राजस्थान के पूजनीय लोकदेवता और पाँच पीरों में से एक माने जाते हैं। उनका जीवन साहस, लोककल्याण और आस्था का प्रतीक है। उन्होंने धर्म और न्याय की रक्षा के लिए जीवन बिताया। आज भी गाँव-गाँव में उनकी गाथाएँ सुनाई जाती हैं और भक्तजन उन्हें संरक्षक एवं संकटमोचक देवता मानकर श्रद्धा से पूजते हैं।

हड़बूजी|Hadbuji|राजस्थान के लोकदेवता