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“रामदेवजी (बाबा रामदेवजी), राजस्थान के लोकदेवता, जिन्हें अवतार, पीरों के पीर और जनकल्याणकारी संत के रूप में पूजा जाता है। जन्म, परिवार, विवाह, मंदिर और उनके चमत्कारों की जानकारी संक्षेप में
जन्म:- उन्दुकासमेर (बाड़मेर)
उपनाम:- रामसापीर, रुणीचे रा धणी, बाबा रामदेव, विष्णु का अवतार, पीरो का पीर
जन्म तिथि:- भाद्रपद शुक्ल द्वितीय (बाबे री बीज)
पिता:- अजमाल जी तंवर
माता- मैनादे
भाई:- वीरमदेव
बहन:- लाछा बाई, सुगना बाई व डाली बाई(मुंहबोली बहन)
विवाह:- नेतलदे (निहालदे) अमरकोट के सोढा राजपूत दलैसिंह की पुत्री
मेला:- भाद्रपद शुक्ला द्वितीया से भाद्रपद शुक्ला एकादशी तक
गुरु:- बालीनाथ
ग्रन्थ:- चौबीस बाणीया
जीवित समाधी:- रामदेवरा धाम रुणीचा
घोडा:- लीला
प्रतीक:- माला व तंदूरा
पुजारी:- तंवर राजपूत
इन्होने कामडीया पंथ की स्थापना की, कामड़ जाति की स्त्रियो द्वारा तेरहताली नृत्य किया जाता है|
शब्दावली | अर्थ |
रिखिया | मेघवाल भक्तजन |
नेजा | पंचरंगी पताका |
पर्चा | रामदेवजी के चमत्कार |
ब्यावले | रामदेवजी के भजन |
अन्य मंदिर:- मसुरिया पहाड़ी (जोधपुर), बिराटिया (अजमेर), सुरताखेड़ा (चित्तोरगढ़)
समाधि:- भाद्रपद शुक्ला एकादशी को जीवित समाधि रुणीचा के रामसरोवर के निकट