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निम्बार्क सम्प्रदाय / हंस सम्प्रदाय / वैष्णव सम्प्रदाय |NIMBARK SAMPRADAY/ HANS SAMPRADAY/ VAISHNAV SAMPRADAY|

“निम्बार्क सम्प्रदाय, जिसे हंस सम्प्रदाय भी कहा जाता है, भेदाभेद दर्शन पर आधारित है। इसकी प्रधान पीठ सलेमाबाद, राजस्थान में स्थित है।

निंबार्क का जीवन परिचय 

जन्म -12वी सदी में तैलंग ब्राह्मण परिवार

नया दर्शन – द्वैतादैत या भेदाभेद

ग्रंथ – वेदान्त परिजात, दशश्लोकी

प्रमुख स्थान – वृन्दावन

राजस्थत में निम्बार्क समुदाय की प्रधान पीठ किशनगढ़ (अजमेर) के समीप सलेमाबाद (रूपनगर नदी के किनारे ) में है जो आचार्य परशुराम द्वारा स्थापित की गई थी।

परशुराम सागर आदि अनेक भक्ति ग्रन्थों की परशुराम ने ब्रजभाषा मिश्रित राजस्थानी में काव्य रचना की और राजस्थान में इस सम्प्रदाय का प्रसार किया

अन्य पीठ – उदयपुर

सारांश –

“निम्बार्क सम्प्रदाय वैष्णव भक्ति की एक प्रमुख धारा है, जो द्वैताद्वैत या भेदाभेद दर्शन पर आधारित है। आचार्य परशुराम द्वारा सलेमाबाद में स्थापित प्रधान पीठ आज भी श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक केंद्र बनी हुई है। ब्रजभाषा मिश्रित राजस्थानी में रचित भक्ति काव्य और ग्रंथों ने इस सम्प्रदाय को जन-जन तक पहुँचाया। वृन्दावन से लेकर उदयपुर तक फैला यह सम्प्रदाय भक्ति, दर्शन और आस्था का अनमोल संगम है।”

निंबार्क हंस सम्प्रदाय