जसनाथी सम्प्रदाय संत जसनाथजी द्वारा स्थापित लोकधर्म है, जो 36 नियमों, मोरपंख की पवित्रता और अग्नि नृत्य जैसी अनूठी परंपराओं से जुड़ा है। मुख्य केन्द्र बीकानेर का कतरियासर है।
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Toggleजसनाथजी का जीवन परिचय
जन्म : 1482 ई., कार्तिक शुक्ला एकादशी, शनिवार
जन्मस्थान : कतरियासर, बीकानेर
पिता : हम्मीरजी जाट
माता : रुपादे
बचपन का नाम : जसवंत
गुरु : गोरखनाथजी
तपस्या : 12 वर्ष गोरखमालिया (बीकानेर)
संप्रदाय स्थापना : 1504 ई. → जसनाथी/जसमानी सम्प्रदाय
समाधि : 1506 ई., कतरियासर, 24 वर्ष की आयु
दान : कतरियासर गाँव (500 बीघा) सिकंदर लोदी द्वारा
जसनाथी सम्प्रदाय की विशेषताएँ
36 नियम
मोर पंख और जाल वृक्ष की पवित्रता
गले में काली ऊन का धागा
अग्नि नृत्य (धधकते अंगारों पर नृत्य)
नारा : “फतै-फतै” (सरंक्षण गंगासिंह द्वारा दिया गया)
मूर्ति पूजा का विरोध
पर्यावरण प्रेम, ब्रह्मचर्य और ज्ञानमार्ग
अनुयायी वर्ग
सिद्ध → पुजारी
परमहंस → विरक्त साधु (अविवाहित)
जसनाथी जाट → गृहस्थ
आराध्य स्थल
बमलू → हारोजी
लिखेमादेसर → हंसोजी
पूनरासर → पालोजी
मालासर → टोडरजी
पांचाला सिद्धा → बोयतजी
विरक्त मंडली
दुग्धाहारी
परमहंस
प्रमुख ग्रंथ
यशोनाथ पुराण → जसनाथी सम्प्रदाय की बाइबिल
कोंडा
सिम्भूदड़ा
जलमझुमरो
जसनाथी पुराण (36 नियम)
जीव समझोत्तरी (सिद्ध लालनाथजी)
उपनाम / पहचान
ज्ञानमार्गी
पर्यावरणविद
ब्रह्मचारी
प्रमुख शिष्य व योगदान
सिद्ध रुस्तम जी → सम्प्रदाय को पूरे भारत में प्रसिद्ध किया
सिद्ध लालनाथजी → जीव समझोत्तरी ग्रंथ
सिद्ध रामनाथजी → यशोनाथ पुराण
मेलों का आयोजन
चैत्र शुक्ल सप्तमी
अश्विन शुक्ल सप्तमी
प्रमुख मेला : कतरियासर (बीकानेर)
अन्य तथ्य
1500 ई. में जसनाथजी और जांभोजी (बिश्नोई सम्प्रदाय) का मिलन हुआ था।
सम्प्रदाय का प्रसार → बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर
सारांश (Summary)
जसनाथी सम्प्रदाय राजस्थान की लोकआस्था का अद्भुत प्रतीक है। संत जसनाथजी ने 1504 ई. में इस सम्प्रदाय की स्थापना की। इसकी खास पहचान 36 नियम, मोरपंख और अग्नि नृत्य है। सम्प्रदाय का प्रमुख केन्द्र कतरियासर (बीकानेर) है, जहाँ आज भी हजारों अनुयायी श्रद्धा से आते हैं।
तालिका : जसनाथी सम्प्रदाय एक नजर में
जन्म | 1482 ई., कार्तिक शुक्ला एकादशी |
जन्मस्थान | कतरियासर, बीकानेर |
गुरु | गोरखनाथजी |
संप्रदाय स्थापना | 1504 ई., जसनाथी संप्रदाय |
प्रमुख नियम | 36 नियम |
खास पहचान | मोरपंख, काली ऊन की डोरी, अग्नि नृत्य |
समाधि | 1506 ई., कतरियासर |
मुख्य ग्रंथ | यशोनाथ पुराण, जीव समझोत्तरी, जसनाथी पुराण |
अनुयायी वर्ग | सिद्ध, परमहंस, जसनाथी जाट |
मेले | चैत्र, अश्विन, माघ शुक्ल सप्तमी |
प्रसार क्षेत्र | बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर |
